आनंद सब लक्ष्यों का मूल है, और सब लक्ष्यों से बड़ा है || आचार्य प्रशांत (2016)
2019-11-26 1 Dailymotion
वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२९ मई, २०१६<br />रमण केंद्र<br />दिल्ली<br /><br />प्रसंग:<br />क्या जीवन में लक्ष्य होने ज़रूरी हैं?<br />लक्ष्य की प्राप्ति कैसे करें?<br />जीवन में आनंद बड़ा या लक्ष्य?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते